SIDH KUNJIKA FUNDAMENTALS EXPLAINED

sidh kunjika Fundamentals Explained

sidh kunjika Fundamentals Explained

Blog Article



देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

The daughter of your mountain who is full in herself, who is likewise traveling within the sky, assistance me achieve mastery more than the chant with the Goddess of Devi Mahatmya/ Saptashati 

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं check here लं क्षं फट् स्वाहा।

Report this page